Sunday, November 6, 2016

कौन ?

   
कौन ?
  मैं रूठा ,
                                                                    तुम भी रूठ गए
 फिर मनाएगा कौन ?
 आज दरार है ,
                                                                     कल खाई होगी
फिर भरेगा कौन ?
  मैं चुप ,
तुम भी चुप
इस चुप्पी को फिर तोडेगा कौन ?
   बात छोटी को लगा लोगे दिल से ,
तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?
  दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर ,
सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?
न मैं राजी ,
न तुम राजी ,
फिर माफ़ करने का बड़प्पन
दिखाएगा कौन ?
    डूब जाएगा यादों में दिल कभी ,
तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?
एक अहम् मेरे ,
एक तेरे भीतर भी ,
इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?
ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
फिर इन लम्हों में अकेला
रह जाएगा कौन ?
मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन
एक ने आँखें....
तो कल इस बात पर फिर
पछतायेगा कौन ?

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