एक लम्हा भी मुद्दत सा लगे, अब उसके इन्तज़ार में,
कोई आये ,मुस्कुराये, हमें अपने करीब बुलाये,
हम डूब जाये, उसके
प्यार में,
अब तो जी घबराए, कही बीत
न जाये दिन
इन्तजार में !
दर बदर भटकता फिरू, कभी चलू तो कभी ठहरू,
दिल उसे ही खोजे, इस बिकते
बाजार में,
कभी वो मिल जाये, तो उसे
खरीद लू
मैं अपने प्यार से,
वो जो चाहे, लूटा दूंगा उसपे,
वो जो चाहे, लूटा दूंगा उसपे,
क्युकी अब जी ना लगे
इन्तजार में !
ओ खुदा करू मिन्नतें, मांगू मन्नते,
बना दे कोई मेरा भी, इस सुने संसार में,
मेरा भी वक़्त कटे,
किसी के प्यार में,
अब कर भी दो ऐसा, क्यों तड़पाते हो
इन्तजार में !
सुना है प्यार बड़ा
जालिम होता है,
पर किस्से तो अमर है, लैला मजनू के संसार में,
ये जान लेता जरूर है, पर देता ही कोई अपना संसार में,
अगर सजा है, तो मजे भी है प्य्रार में,
तभी तो एकटक बैठे हैं
उसके
इन्तजार में ! -राजीव
रंजन
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